ANCS Jal Neti Pot Plastic Chapta

1817
Rs 30
ANCS Jal Neti Pot  Plastic Chapta
ANCS Jal Neti Pot Plastic Chapta

Description :

Jalneti, Panchakarma, water therapy is a simple and effective process of yoga. It is a great remedy for headache and cold! Cleaning of all the parts of the nose, throat and head is an easy and natural process for cleanliness and health. Najla, allergies, migraine, sinusitis, watery eyes, asthma etc. can be cured by the practice of Neti Kriya. The specialty of the lota - This lota has such a tube which easily enters through the nostril. Its front is made in such a way that it is not known that there is a wound in the nose, initially this action should be done under the supervision of an experienced person or a nearby naturopathy center.

Usage method:
1. Boil one liter of clean water. When it is lukewarm, fill half the water in the neti pot, it does not cause irritation in the nose.
2. Then, sitting upright, let the right nostril of the lotus tube be inserted lightly! If you turn the neck a little to the left, then the water will start coming out of the other nostril. Keep the mouth open so that the breath will keep coming and going through the throat and water will go inside the nose, if the problem of cold is more, then a little arrow can also be added!
3. Repeat the same action with the remaining water, through the other nostril as well!
4. After this, stand and bend the waist forward and do Bhastrika Pranayama, that is, by closing the mouth, exhale rapidly through the nose so that the water that is stuck in the nostrils comes out!
5. Lastly, apply sesame or coconut oil, stuffed with a finger, inside the nose.
Benefits of Neti: It is a panacea for headache, cold and flu. If this action is done once a week, even as a cleaning, then the light and memory of the eyes increases and the mucus of the nose becomes pure.
Water Volume : 150 ML

  जलनेति , पंचकर्म ,जल चिकित्सा योग की एक सरल एवं प्रभावशाली क्रिया है ! सिरदर्द और जुकाम के लिए यह एक उत्तम साधन है ! नाक ,गले व सिर के सभी अवयवो की सफाई स्वच्छता एवं निरोगिता के लिए जलनेति सुलभ व प्राकृतिक प्रक्रिया है ! नेति क्रिया के अभ्यास से नजला, एलर्जी, माइग्रेन, साइनोसाइटिस, आँखों में पानी आना, अस्थमा आदि रोगो को ठीक किया जा सकता है ! लोटे की विशेषता - इस लोटे में ऐसी नलकी लगी है जो नासिका -छिद्र से सहज ही प्रविष्ट कर जाती है ! इसका अग्रभाग इस प्रकार से बनाया गया है ताकि नाक में घाव नहीं हो पता है शुरू - शुरू में यह क्रिया , किसी अनुभवी व्यक्ति अथवा निकट के  प्राकृतिक चिकत्सा क्रेन्द्र में, चिकित्सक की देखरेख में करनी चाहिए !

उपयोग विधि :
1. एक लीटर स्वच्छ पानी को उबाल ले ! गुनगुना रहने पर, आधा पानी नेति के लोटे में भर ले, इससे नाक में जलन नहीं होती !
2. फिर उकड़ु बैठकर , लोटे की नली नाक के दाहिने नासिका ने हलके से  प्रविष्ट कराएं! गर्दन को बाई तरफ थोड़ा मोड़ लेंगे तो पानी दूसरे नासिका से बाहर आने लगेगा ! मुँह को खुला रखिये ताकि गले से साँस आता-जाता रहेगा और पानी  नाक के अंदर जायेगा जुकाम की समस्या ज्यादा हो तो थोड़ी सी बाण भी मिलाई जा सकती है !
3. यही क्रिया शेष बचे पानी से , दूसरे नासिका द्वारा भी दोहराए !
4. इसके पश्चात खड़े होकर कमर को आगे झुकाइए और भस्त्रिका प्रणायाम करे यानि मुँह बंद करके, तेजी से नाक से साँस बाहर फेंके जिससे की नासिका में रुका हुआ पानी बाहर निकल जाये !
5. अंत में, तिल्ली या नारियल का तेल ,अंगुली भरकर नाक के अंदर लगाए !
नेति के लाभ : सिरदर्द, जुकाम और नजला के लिएयह एक रामबाण इलाज है ! सप्ताह में एक बार, सफाई के तौर पर भी यह क्रिया की जाये तो आँखों की ज्योति एवं याददाश्त बढ़ती है और नाक का शलेषमा शुद्ध हो जाता है
पानी की मात्रा : 150 ML