Yogasan English Dr.P.D.Sharma
Yogasan English Dr.P.D.Sharma
Description :
yogasana book
If a Sadhak, after following the teachings of Yama and Niyama, practices yoga, his ducts are cleaned, he attains excellent health and his mind becomes alert. This enables him to experience mental ecstasy. Here is a humble attempt to show the usefulness and importance of Yogasana and Pranayama with simple language and clean fingers.
Yoga as a system of physical exercise has been in existence in India since time immemorial. According to our ancient sages, there are eight stages of yoga,
Yama (Social Discipline)
Rules- (Personal Discipline)
seat- (posture)
Pranayama (breath control)
Pratyahara (mental discipline)
Dharana- (concentration), Dhyana (meditation) )
Samadhi (self-realization).
योगासन पुस्तक
यदि कोई साधक, यम और नियम की विद्याओं का पालन करने के बाद, योगाभ्यास का अभ्यास करता है, तो उसके नलिकाओं की सफाई हो जाती है, वह उत्कृष्ट स्वास्थ्य प्राप्त करता है और उसका मन सतर्क हो जाता है। यह उसे मानसिक परमानंद का अनुभव करने में सक्षम बनाता है। योगासन और प्राणायाम की उपयोगिता और महत्व को सरल भाषा और साफ-सुथरी उँगलियों से दिखाने का यहाँ एक विनम्र प्रयास किया गया है
भारत में शारीरिक व्यायाम की एक प्रणाली के रूप में योग अति प्राचीन काल से ही अस्तित्व में रहा है। हमारे प्राचीन ऋषियों के अनुसार, योग के आठ चरण हैं,
यम- (सामाजिक अनुशासन)
नियम- (व्यक्तिगत अनुशासन)
आसन- (आसन)
प्राणायाम- (श्वास नियंत्रण)
प्रत्याहार- (मानसिक अनुशासन)
धारणा- (एकाग्रता), ध्यान (ध्यान) )
समाधि- (आत्म-साक्षात्कार)।